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देश बड़ा या एनडीटीवी?

ब्रज की दुनिया
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मित्रों,हमारे देश का यह दुर्भाग्य है कि बार-बार हमारे सामने इस तरह के सवाल आते रहते हैं कि हमारे देश में सबसे बड़ी या प्राथमिकता वाली चीज क्या है और क्या होनी चाहिए। अभी कुछ दिन पहले ही मुस्लिम लॉ पर्सनल बोर्ड ने सरेआम कहा कि उनके लिए शरीयत सबसे बड़ी प्राथमिकता है देश या देश का कानून या तो उसके बाद आता है या फिर आता ही नहीं है। सवाल उठता है कि भारत में किसका राज है? संविधान का, कानून का, मत या विचारधारा विशेष का? क्या आज भी भारत में मुगलों का शासन है? सवाल यह भी उठता है कि पूरी दुनिया में कानून कौन बनाता है बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक वर्ग?
मित्रों,इसी तरह से हमारे सामने बार-बार यह सवाल आता रहता है कि देश बड़ा है या नेहरू परिवार? देश बड़ा है कि अभिव्यक्ति या अन्य प्रकार की स्वतंत्रता का अधिकार? हम एक लंबे समय से देख रहे हैं एनडीटीवी नामक टीवी चैनल चीन व पाकिस्तानपरस्त रवैया अपनाए हुए है। कभी उनका एंकर जनभावनाओं के खिलाफ जाकर चीनी सामानों के बहिष्कार का विरोध करता है तो कभी किसी आतंकी घटना या बदले में की गई सैन्य कार्रवाई पर इस तरह के कार्यक्रम प्रसारित करता है कि भ्रम हो जाता है कि उक्त चैनल भारत का चैनल है या पाकिस्तान का?
मित्रों, माना कि सच्चाई को दिखाना जरूरी है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए हमारे पूर्वजों ने अप्रिय सत्य से बचने की सलाह भी दी है। जिस रहस्य को उजागर करने से देश की सुरक्षा और देश ही खतरे में पड़ने लगे उसको अनजाने में भी प्रकट करने से हर किसी को बचना चाहिए। फिर कोई चैनल जानबूझकर और बार-बार ऐसा कैसे कर सकता है? ऐसा भी नहीं है कि उक्त चैनल की इसके लिए कोई आलोचना नहीं हुई हो। सोशल मीडिया पर हम जैसे कई देशभक्त दीवानों ने तो उक्त चैनल का नाम तक बदल दिया लेकिन यह चैनल फिर भी अपनी जिद पर अड़ा रहा।
मित्रों, हम भारत सरकार के दंडात्मक कदम का समर्थन करते हुए उससे निवेदन करते हैं कि ऐसे चैनलों पर सिर्फ एक दिन के लिए रोक लगाने से काम नहीं चलनेवाला। अगर यह चैनल इस चेतावनीपूर्ण कार्रवाई के बाद भी अपनी देशविरोधी नीति का परित्याग नहीं करता है तो देशहित में उसको हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर देना होगा। साथ ही इस बात की जाँच भी होनी चाहिए कि कहीं उक्त चैनल को चीन या पाकिस्तान से तो पैसा नहीं आता है। तब नेशन फर्स्ट की घोषित नीति पर चलनेवाली केंद्र सरकार के समक्ष अन्य कोई विकल्प बचेगा भी नहीं।

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