Menu
blogid : 1147 postid : 784108

भक्तराज हनुमान को तो बक्श देते ठगों!?

ब्रज की दुनिया
ब्रज की दुनिया
  • 707 Posts
  • 1276 Comments

13-09-2014,हाजीपुर,ब्रजकिशोर सिंह। मित्रों,हमारे बिहार में एक कहावत अरसे से प्रचलित है कि कमानेवाला लहरें गिनकर भी पैसे कमा लेता है। फिर धर्म के नाम पर लोगों को ठगना तो काफी आसान होता है। लोगों की आस्था और विश्वास के नाम पर ठगी का धंधा इस धरती पर अनादि काल से ही चलता आ रहा है और कदाचित आगे भी चलता रहेगा लेकिन हनुमान जी के नाम पर ठगी? बेचनेवालों ने अपना ईमान तो बेचा ही भक्तराज हनुमान को भी सोने का पानी चढ़ाकर बेच दिया?
मित्रों,आजकल कई महीनों से दिन-रात विभिन्न टीवी चैनलों पर हनुमान चालीसा युक्त जन्तर का विज्ञापन प्रसारित किया जा रहा है। लोगों का विश्वास जीतने के लिए कई टीवी और फिल्मी कलाकारों से कहलवाया जाता है कि इस जन्तर (यंत्र) को पहनते ही उनके अच्छे दिन आ गए। यहाँ तक कि इस षड्यंत्र में भारत कुमार मनोज कुमार,भजन सम्राट अनूप जलोटा और मशहूर संगीतकार रवीन्द्र जैन को भी शामिल कर लिया गया है।
मित्रों,यह तो सही है कि हनुमान चालीसा इस दुनिया का सबसे शक्तिशाली मंत्र है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम उसका जन्तर बनाकर गले में धारण कर लें। हनुमान तो महाभक्त हैं। महात्यागी हैं। उनको तो लेना-देना है सिर्फ राम से और राम के नाम को जपने से। उनको क्या लेना-देना सोने और चांदी से? वास्तव में करणीय तो शुद्ध अंतर्मन से हनुमान जी और राम जी की भक्ति है। फिर भी आप दुःख का भागीदार होने से बच नहीं पाएंगे क्योंकि सुख और दुःख तो रथ के पहिये के दो हिस्सों के समान हैं जो बारी-बारी से हमारे सामने आते रहते हैं। श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि कर्म करो भाग्य के पीछे मत भागो क्योंकि तुम्हारा कर्मफल तुम्हें प्राप्त होकर ही रहेगा और उसी से तुम्हारा भाग्य भी बनेगा फिर कैसे इस सोने का पानी चढ़ा यंत्र पहन लेने से जीवन में सिर्फ और सिर्फ अच्छे परिणाम ही आने लगेंगे?
मित्रों,यथार्थ तो यही है कि चाहे हम इस यंत्र को धारण करें या नहीं हमारे जीवन पर कोई फर्क नहीं आनेवाला लेकिन अगर हम इन ठगों जिसके मुखिया कोई बाबा मंगलनाथ हैं की बातों में आ जाते हैं तो ये ठग जरूर मालामाल हो जाएंगे और आपको बेवजह अपनी मेहनत की कमाई का एक मोटा हिस्सा खो देना पड़ेगा। हममें से बहुत-से लोग ऐसे होंगे जो कर्म के बदले भाग्य के पीछे भागकर अपना बहुत सारा धन और समय बर्बाद कर चुके हैं। मेरी ऐसे मित्रों को सलाह है कि वे जो कुछ भी काम कर रहे हैं उसमें अटूट विश्वास रखें और लगातार अथक परिश्रम करते रहें आपको आपके कर्म का फल जरूर मिलेगा। सुख भी मिलेगा और दुःख भी मिलेगा। कभी-कभी तो दुःख भी सुख में लिपटकर मिलता है जिसका हमें पता ही नहीं चल पाता है। इसी तरह कभी-कभी सुख भी दुःख में लिपटा रहता है और हम बेवजह परेशान हुए रहते हैं। भगवान पर विश्वास रखें और उससे कहीं ज्यादा खुद पर यकीन रखें और जीवन में जो कुछ भी मिलता है उसे सहर्ष स्वीकार करते चलें। मन को शुद्ध करें तो भगवान खुद ही आकर उसमें बस जाएंगे और फिर आपको परमसुख अर्थात् उनकी निर्बाध भक्ति पाप्त होगी वो भी जन्म-जन्मांतर तक।
मित्रों,ऐसा नहीं है कि मैं आपको कोरे उपदेश दिए जा रहा हूँ। सच्चाई तो यह है कि मैं खुद भी इन दिनों बेहद कठिन संघर्ष के दिनों का सामना कर रहा हूँ। मेरी शादी 12 जून,2011 को ही हो चुकी है लेकिन आज भी मैं अपनी पत्नी से अलग रह रहा हूँ और पिछले दो-ढाई सालों से खुद अपने हाथों से भोजन बनाने सहित घर के सारे काम कर रहा हूँ और अपनी वेबसाईट हाजीपुर टाईम्स का अकेले संचालन भी कर रहा हूँ जबकि विवाह से पहले मैंने कभी चाय तक नहीं बनाई थी। मैं अपने माता-पिता की शिव-पार्वती भाव से अपने हाथों से सेवा कर रहा हूँ और खुश हूँ। मेरा विवाह होते ही मेरे अधिकतर सगे-संबंधियों का मेरे प्रति व्यवहार बदल गया। यहाँ तक कि माँ भी बदल गई लेकिन मैं घबराया नहीं और पूरी दृढ़ता के साथ हालात का सामना कर रहा हूँ। मुझे खुद में और ईश्वर में अटूट विश्वास में विश्वास है इसलिए मैंने तो हनुमान चालीसा यंत्र नहीं मंगवाया। दोस्तों,हारिए न हिम्मत बिसारिए न हरिनाम।

(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh