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हाजीपुरवासियों को भविष्यवक्ता बनाती बिजली

ब्रज की दुनिया
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हमारा शहर आजकल भविष्यवक्ताओं का शहर बनने की ओर अग्रसर है.आप सोंच रहे होंगे कि हाजीपुर में कोई ज्योतिष विद्यालय-महाविद्यालय या विश्वविद्यालय तो नहीं खुल गया है.नहीं भैया ऐसी कोई अनहोनी नहीं हुई है.नगरवासियों को भविष्यवक्ता बनाने की कृपा कर रही है बिजली.कृपा इसलिए क्योंकि इसके लिए हमें कोई फ़ीस-फास नहीं देनी पड़ रही है न ही क्लास करने का लफड़ा.आजकल हमारा पूरा शहर यही भविष्यवाणी करने में मशगूल है कि बिजली कितने बजे आएगी.कोई १५ मिनट के भीतर बिजली आने का दवा करता है तो कोई १५ घन्टे के भीतर.अभी १५ दिन वाली नौबत नहीं आई है.मृगतृष्णा या मृगमरीचिका जो मरूस्थलों के काम की चीज है अब बिना रेत-बालू के हाजीपुर में देखने को मिल रही है.क्या!आपको विश्वास नहीं रहा है जरूर आपने भूगोल विषय से पढाई की होगी.तो श्रीमानजी आपकी जानकारी के लिए मैं बता दूं कि यह भूगोलवाली मृगमरीचिका नहीं है यह तो बिजलीवाली मृगमरीचिका है.हाजीपुरवासी भविष्यवाणी कुछ इस तरह शुरू करते हैं कि १५ मिनट में बिजली आ जाएगी.१५ मिनट में जब बिजली नहीं आती तो समय-सीमा को आगे खिसका देते हैं और नई भविष्यवाणी कर देते हैं ठीक उसी तरह जैसे मृग पानी के झूठे प्रतिबिम्ब के पीछे रेगिस्तान में भागता रहता है.इस तरह भविष्यवाणी पर भविष्यवाणी,भविष्यवाणी पर भविष्यवाणी होती रहती है लेकिन बिजली नहीं आती.अगर भूली-भटकी आ भी जाए तो फ़िर कब चली जाए कोई ठीक नहीं.हमारे शहर में इन दिनों भौतिक शास्त्र  की तमाम परिभाषाओं को ठेंगा दिखाते हुए बिजली की नई परिभाषा प्रचलन में है- बिना बुलाये जो आते हैं उन्हें मेहमान कहा जाता है लेकिन जो बुलाये जाने पर भी नहीं आये और रोके जाने पर भी नहीं माने उसे बिजली कहते हैं.वैसे आजकल भविष्यवाणी का क्षेत्र कैरियर के लिए बहुत हिट चल रहा है लेकिन हम तो सिर्फ बिजली की भविष्यवाणी के ही विशेषज्ञ हैं इसलिए हम इसे कैरियर के रूप में अपना भी नहीं सकते.जब तक बिजली ठीक-ठाक तरीके से हमारे शहर में रहने नहीं लगती है तब तक सिर्फ बिजली की भविष्यवाणी करना हमारी मजबूरी बन गई है.करें भी तो क्या करें?एक अभिशप्त शहर में रहने की कीमत तो हमें चुकानी ही पड़ेगी.

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